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क्या हिंदू धर्म में 21 साल के व्यक्ति को कान छिदवाना संभव है।Can ear piercing be done to a 21 year old man in Hinduism


दोस्तों हिन्दू धर्म में 16 संस्कार होते है और सनातन धर्म में ये 16 संस्कार हिन्दुओं के लिए बहुत मान्य होते है और इन्हीं संस्कार में से एक संस्कार  है  "कर्णभेदन संस्कार " जो हिन्दुओं में काफी प्रचलित है। 

अब आपका सवाल है कि क्या हिंदू धर्म में 21 साल के व्यक्ति को कान छिदवाना संभव है - 

जी हां दोस्तों आप 21 साल या कभी भी  किसी भी उम्र में आप अपने कान छेद सकते हो। परन्तु हिन्दू धर्म में कान (कर्ण ) भेदन परम्परा बचपन से ही मानिए जाती है और बचपन में ही बच्चों के कान छेद दिए जाते है। 

परन्तु यदि आपने  बचपन में अपने कान नहीं छेदे तो आप अभी भी अपने कान छेद सकते है परन्तु हिन्दू धर्म और संस्कार के अनुसार ध्यान रखें आपको 2 कान छेदने है न की एक।  क्योंकि दोस्तों आज कल के समय में लोग फैशन में 1 कान छेदवाते है जो की गलत है  जबकि शास्त्रों और संस्कारों के अनुसार 2  कान छेदने का नियम है। 

 दोस्तों क्या आप जानते है पुराने समय में कर्ण भेदन संस्कार के लिए भी समय ,वार और मुहूर्त  देखकर छोटे बच्चों कर्ण भेदन किया जाता था परन्तु आज के समय में लोग ये सब नहीं करते है क्योंकि उनको पूरी जानकारी नहीं रहती है। 

तो चलिए दोस्तों हम आपको बताते है कान छेदने का सही समय और मुहर्त और सही दिन के बारे में - 

दिन (वार )-  दोस्तों शास्त्रों के अनुसार कर्ण भेदन (कान छेदने ) के लिए आप सोमवार ,बुधवार ,बृहस्पतिवार ,और शुक्रवार का दिन अच्छा होता है। 

कर्णभेदन के लिए शुभ नक्षत्र- , चित्रा, अनुराधा, हस्त, अश्विनी, पुष्य, अभिजीत, श्रवण, घनिष्ठाअति शुभ माने जाते है इन नक्षत्र में से आप किसी भी नक्षत्र में कान छेद सकते है। 

हिन्दू धर्म विश्वा का सबसे महान धर्म है इसमे कोई शक नहीं है और हिन्दू धर्म या कहे सनातन धर्म एक मात्र ऐसा धर्म है जिसकी हर परम्परा विज्ञान आधारित है। 

हिन्दू धर्म के अनुसार कान छिदवाना एक परम्परा ही नहीं बल्कि इसका एक वैज्ञानिक कारण भी है और ये कहीं वैज्ञानिकों और स्वस्थ्य सम्बंधित कारणों से जुड़ा हुआ है।

दोस्तों सच कहे तो कान छिदवाने की परम्परा हमारे सनातन धर्म में सतयुग से चलती आ रही है शायद आपको पता होगा और अपने ग्रंथो और पुराणों में भी पढ़ा होगा हमारे ऋषि ,मुनि देवी देवता भी कान में कुण्डल पहनते थे और सच बात तो ये है दोस्तों कान छिदवाने की परम्परा बहुत ही पुरानी परम्परा है। 

दोस्तों कानछिदवाने के पीछे काफी मान्यता और रिवाज और वैज्ञानिक कारण है। और आज केवल भारत जैसा देश ही कान नहीं छेदता बल्कि विदेशों में भी लोग कान छेद रहे है। 

दोस्तों कान छिदवाने के पीछे कुछ लोग का मानना है कि ये एक्युपंचर (Acupuncture)विशेष बिंदु होता है जिसका उपयोग इलाज (treatment) के उद्देश्य से किया जाता है। 

क्या है दोस्तों कर्ण (कान छेदने)का वैज्ञानिक कारण और हमारे शास्त्रों और पुराणों के अनुसार क्या लाभ होता है कान छेदने से आइये जानते है विस्तार से -

पुरुष(व्यक्ति ) के लिए लाभकारी कर्ण भेद

दोस्तों पुराणों और शास्त्रो के अनुसार कान छेदने से पुरुषों के चेहरे और मुँह पे  चमक और कांति आती है। पुरुष के चहरे(फेस ) पर निखार आता है। 

कहते है कान छिदवाने से पुरुष लकवे की बीमारी से बच सकता है उसका लकवा नहीं हो सकता है। और कान छिदवाने से पुरुष का वीर्य संचित रहता है। 

साथ ही कान छिदवाने से पुरुष में होने वाली कहीं बीमारी और इंफेक्शन हाइड्रोसील ,हर्निया जैसी बीमारी पुरुषों में अधिक देखने को मिलती है यदि आप कान छिदवाते हो तो आप इन बीमारियों से बच सकते हो। 


मानसिक और बौद्धिक छमता  वृद्धि - 

दोस्तों वैज्ञानिक और शास्त्रों की दृष्टि के अनुसार कहते है कान छिदवाने से इंसान का ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है और सही से काम करता है इससे व्यक्ति का दिमाग काम अच्छे से करता है इसलिए शायद पहले जमाने में गुरुकुल में विद्यार्थी को कान (कर्ण भेदन ) करना आवश्यक होता था। और ऐसा करने से उनकी दिमागी छमता में वृद्धि होती थी और विद्यार्थी बेहत्तर ज्ञान की प्राप्ति करता था।कान छेदने से व्यक्ति तनाव मुक्त होता है।  तो दोस्तों अब आप जान सकते हो  भारतवर्ष में कर्ण भेदन  परम्परा काफी पुरानी परम्परा में से एक परम्परा है जो आज भी बरकरार है। 

 आँखों के लिए लाभकारी कान छेदना - 

वैज्ञानिकों के अनुसार कान छेदने से मनुष्य की आँखे अच्छी होती है मनुष्य की दृष्टि में सुधार होता है। एक्युपंचर (Acupuncture) के और डॉक्टरों के अनुसार कान के बीच के केंद्रीय बिंदु का सम्बन्ध आँखों की रोशनी  से  होता है। जिस कारण वैज्ञानिकों के अनुसार कान छेदने से आँखों की रोशनी तेज होती है। 

 कहते है दोस्तों वैज्ञानिकों के अनुसार कान छेदने से पाचन तंत्र मजबूत रहता है कहते पॉइंट हंगर पॉइंट का केंद्र  है और कान छेदने से व्यक्ति का कान भी स्वस्थ रहता है। 

तो दोस्तों इस ब्लॉग में हमने आपको आपके सवाल का उत्तर दे दिया है कि क्या हिंदू धर्म में 21 साल के व्यक्ति को कान छिदवाना संभव है (Can ear piercing be done to a 21 year old man in Hinduism ) और साथ ही कान छेदने से व्यक्ति को क्या लाभ होते है वो भी हमने आपको बता दिया है। 











 

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