दोस्तों यदि किसी व्यक्ति के घर के पूजा स्थल पर आग जाये या जो मंदिर होता है उस मंदिर में आग लग जाती हो फिर चाहे दीपक से आग लगे या फिर अगरबत्ती से या फिर हवनकुंड से आग बाहर आकर कपड़े पर आग लग गयी हो।
दोस्तों कहीं बार तो आग लगने की वजह से जो मंदिर में आसन होते है, मंत्रो की किताब और मन्त्र जाप की माला और जो संख होता है, वो जल जाता है।
दोस्तों ये चीज प्रत्यक्ष (प्रैक्टिकल) भी हो सकती है और या तो फिर ये चीज किसी को सपने में भी दिख सकती है कि - भगवान की मूर्ति के चारों ओर आग लगी हुई है। कहने का अर्थ है ये सब आपके साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष (सपने)में भी हो सकता है।
परन्तु ये सब प्रकिया जैसी भी लेकिन ये आपको नकरात्मकता की ओर इशारा कर रहा है चाहे आपको देवी प्रतिमा में चारों तरफ आग लगती नजर आये परन्तु आपको पता लग जाये देवी प्रतिमा को कुछ नहीं हुआ हो मतलब केवल सपने में दिखा हो या फिर आग लगने वाली हो और अचानक आपने आग बुझा दी हो। तो दोस्तों इसका अर्थ ये होता है आपके घर के देवी देवताओं का बंधन होने जा रहा है या आपके मंदिर घर में कुछ अशुद्धता आ गयी है और हो सकता है आपको प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से संकेत मिल रहा हो.अगर ऐसा तो फिर आप जो पूजा करते हो वो पूजा आपके देवी और देवताओं को नहीं लगेगा।
या फिर ये संकेत इस बात की और इशारा करता है कि आपके ऊपर बहुत बड़ा संकट आने वाला है।
अब इसके लिए आपको बहुत सी बातें ध्यान में रखनी होगी कि यदि सपने में देवी के प्रीतिमा के चारों ओर आग लगी हुई देख रहे हो या फिर वास्तव में दीपक की वजह से या किसी भी वजह से देवी प्रतिमा का आसन जल गया हो तो मानकर चले आपके यहां कोई न कोई अनिष्ट होने वाला है।
इसके लिए आपको दोस्तों सूतक और पातक जिसके घर पर हो वहां नहीं जाना है मतलब जिसके घर पर बच्चा हुआ हो या जिसके घर पर किसी की मृत्यु हुई हो वहां पर आपको नहीं जाना है और न ही उस व्यक्ति को अपने घर आने देना है और न अपने मंदिर घर पर ,और न उसके घर खाना खाने जाना है।
दोस्तों आप अपने मंदिर में साफ सफाई का ध्यान जरूर रखे और यदि घर पर किसी महिला को मासिक धर्म आता है तो उनको मंदिर में नहीं जाने दे क्योंकि मंदिर अशुद्ध हो जाता है। अगर वो मंदिर में जाती है तो ये भी मंदिर में आग लगने का कारण हो सकता है .
इसलिए अपने मंदिर में समय - समय पर गंगा जल या गाय के गोमूत्र को कुशा से छिड़काते रहे ऐसा करने से आपका मंदिर अशुद्ध नहीं होगा। आप अपने मंदिर में गंगाजल और गाय के गोमूत्र को हमेशा रखें जरूरत पड़ने पर आप इसको छिड़क ले। और दोस्तों शोचालय(पेशाब ) भी आप ऐसी जगह न जाये जहां कोई न जाता हो पेशाब आप शोचालय में ही जाये जहां सब जाते है क्योंकि इसके द्वारा भी तांत्रिक क्रिया होती है इसलिए आप सतर्क रहे और किसी भी धार्मिक कार्य में शामिल होने से पहले स्वच्छ होकर शामिल होए।
अगर दोस्तों गलती से आपसे कोई गलती हो गयी हो और आपको सपने में भी मंदिर में आग लगती दिख रही हो या वास्तव में आग लग गयी हो तो इसके लिए आप सबसे पहले अपने मंदिर में जाकर गंगाजल और गोमूत्र से मूर्ति को साफ करे और मंदिर में उनका छिड़काव करे और 9 दिन तक शुक्ल पक्ष के 9 दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करवाना है उसके बाद अंतिम दिन आपको हवन करना है जो भी आपका ईस्ट देव या देवी हो उसका।
तो दोस्तों आपके मंदिर घर में किन कारणों से आग लग सकती है ये हमने आपको बता दिया है और इसका निवारण भी।
तो दोस्तों अब आप ध्यान रखिये अपने मंदिर में स्वछता और पवित्रता बनाये रखने का।
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